जौनपुर में विकास की गति को बढ़ाने के लिए साल भर पहले डीएम मनीष कुमार वर्मा ने जौनपुर विकास प्राधिकरण का खाका खींचा था। बड़े शहरों की तर्ज पर जौनपुर में भी विकास हो इसके लिए 241 गांव को शामिल कर विकास प्राधिकरण के गठन किया गया। 2022 के विधानसभा और एमएलसी चुनाव के चलते यह काम ठप पड़ गया था। चुनाव खत्म होते ही विकास प्राधिकरण के गठन की कवायद तेज हो गई है। इस मामले में फाइल के लिए एक बार फिर रिमाइंडर भेजने की तैयारी की जा रही है।

साल भर से स्वीकृति का इंतजार
DM मनीष कुमार वर्मा ने जौनपुर विकास प्राधिकरण को लेकर प्रशासनिक तैयारियों को तेज कर दिया है। शहर के व्यवस्थित विकास के लिए जौनपुर विकास प्राधिकरण की नींव का खाका साल भर पहले डीएम द्वारा खींचा गया था। हालांकि विगत 1 वर्ष से प्रस्ताव भेजकर उसकी स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है। लेकिन अब प्रशासन ने इसके लिए अपनी कमर कस ली है। कैबिनेट की बैठक में इस को मंजूरी दिलाने की पूरी कोशिश है।

50 साल पहले विनियमित क्षेत्र का गठन
वर्ष 1973 के आसपास शहर को व्यवस्थित विकास दिलाने के लिए नियमित क्षेत्र का गठन हुआ था। 2001 में इसे संशोधित करते हुए 2021 तक का मास्टर प्लान भी तैयार किया गया। मास्टर प्लान में शहर की आबादी तीन लाख तक होने का अनुमान लगाया गया। लेकिन अनुमान के हिसाब से शहर की आबादी की रफ्तार इससे कहीं ज्यादा निकली। आलम यह हुआ कि आसपास मौजूद गांव के क्षेत्र शहर की सीमा में आ गए। बेतरतीब विकास के कारण शहर में अतिक्रमण, जलभराव और रास्ता जाम जैसी अन्य समस्याएं उत्पन्न होने लगी।

शहर की बदलेगी तस्वीर
जौनपुर विकास प्राधिकरण के मंजूर होते ही शहर की तस्वीर बदल जाएगी। शहर के साथ-साथ गांव में भी विकास के नए रास्ते खुल जाएंगे। नई कॉलोनियों के साथ-साथ चौड़ी सड़कें, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था और जलभराव से निपटने के लिए जल निकासी की बेहतर व्यवस्था उपलब्ध होगी। इतना ही नहीं बल्कि शहर में व्यवसायिक क्षेत्र में भी बढ़ोतरी होगी। विकास प्राधिकरण में 241 गांवों को शामिल किया गया है। समय के साथ साथ इसका दायरा भी बढ़ाया जाएगा।

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