आइए हम सब मिलकर अपने प्रदेश को जलवान प्रदेश से धनवान प्रदेश बनाएँ

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साथियों, 
आज गंगा दशहरा है । आपको और आपके परिवार को गंगा दशहरा की बहुत - बहुत शुभकामनाएं । मोक्षदायिनी मां गंगा सबका जीवन खुशियों और उल्लास से परिपूर्ण करें , यहीं कामना है । मां गंगा सम्पूर्ण विश्व में अतुलनीय नदी है । शास्त्रों के अनुसार राजा भगीरथ की तपस्यास्वरूप ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की दशमी को पुण्यदायिनी मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं । भगवतगीता के दसवें अध्याय में स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने कहा है , स्त्रोतसामिस्म जाह्नवी अर्थात - मैं नदियों में भी भागीरथी , गंगा हूँ । गंगा जल की महिमा अपरम्पार है ।

 

वास्तव में यह भारतीय संस्कृति की जननी और पालनहार है । विगत वर्षों में उपेक्षा के चलते गंगा नदी में प्रदूषण की समस्या विकराल रूप धारण करतीं गयी । 2014 में जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश की बागडोर संभाली तो उन्होंने ' नमामि गंगे ' परियोजना का शुभारम्भ कर आप सब के सहयोग से गंगा नदी को अविरल और निर्मल बनाने का महाभियान शुरू किया । इसके परिणाम सकारात्मक रहे हैं और इनका पर्याप्त असर भी अब दिखने लगा है । उत्तर प्रदेश वासी वचन एवं कर्म से इस पुनीत संकल्प को पूरा करने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी के साथ खड़े हैं ।

 

साथियों , आज का दिन अत्यंत शुभ है इसलिए मैं आप सबसे एक अपील करना चाहता हूँ । यह अपील जल से जुड़ी है , कहते हैं कि जल ही जीवन है । लेकिन भूजल का अत्यधिक दोहन होने और बारिश के पानी के संरक्षण के पर्याप्त प्रबंध के अभाव में आज कई देशों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है । हमारे देश के कई इलाकों में भी स्वच्छ पेयजल का संकट है । हमारे प्रदेश में ही गांव और शहर में भूजल का स्तर तेज़ी से गिरता जा रहा है । इसका परिणाम यह है कि प्रदेश में 823 विकास खण्डों में 113 अतिदोहित , 59 क्रिटकल और 45 सेमी क्रिटकल की स्थति में पहुँच गए हैं । ऐसी स्थिति में हमें प्रत्येक दशा में जल को बचाना होगा ।

 

आप सब जानते हैं कि पृथ्वी पर पेयजल की मात्रा सीमित है इसलिए जल का सदुपयोग व उसकी बचत ही इस समस्या का समाधान है । इस मन्त्र के साथ हमें घरेलु उपयोग से लेकर कल - कारखानों तक हर जगह जल का समुचित ढंग से उपयोग करना होगा । हमें न सिर्फ पानी की बचत करनी होगी बल्कि बारिश के पानी को भी सहेज कर रखना होगा । परंपरागत तालाब से लेकर आधुनिक भवनों में बारिश के पानी को संचयन के तंत्र को बढ़ावा देना होगा । कुछ ही दिनों के बाद मानसून आने वाला है । उत्तर प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों एवं नगर निकायों से आग्रह करना चाहता हूँ कि बारिश आने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपके क्षेत्राधिकार में जो भी तालाब या पोखर आते , उनकी उचित ढंग से सफाई हो जाये और बारिश का पानी बह कर सुगमता से आ सके इसकी भी पर्याप्त व्यवस्था की जाये । हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बारिश के छोटे बड़े सभी ताल - तालिया , पोखर , जोहड़ , तालाब सब पानी से लबा - लब हो जायेंगे । आइए गंगा दशहरा के पावन अवसर पर हम जल बचाने और बारिश के जल संचयन का संकल्प लें । मुझे उम्मीद है कि हम सबके सम्मिलित प्रयासों से हमारा उत्तर प्रदेश जलवान बनेगा । जलवान से धनवान बनने में देर नहीं लगेगी ।

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